बस इक झलक ही मिल पाती है,
यूं कसक सी रहती है जी भर देख लेने की हर बार!
चल ऐसा करते हैं,
तू पलकें ना झुकाना और मैं ना चुराऊंगा निगाहें अब की बार!!
यूं कसक सी रहती है जी भर देख लेने की हर बार!
चल ऐसा करते हैं,
तू पलकें ना झुकाना और मैं ना चुराऊंगा निगाहें अब की बार!!
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