प्रेम कब बदलता है,
बस गुम हो जाता है, गर चाहिए तो बस ढूंढना भर है !!
प्रेम स्थिर, अटल, अचल, रहता है,
और वो ताना कसती है के तुम आज भी वैसे के वैसे ही हो !!
बस गुम हो जाता है, गर चाहिए तो बस ढूंढना भर है !!
प्रेम स्थिर, अटल, अचल, रहता है,
और वो ताना कसती है के तुम आज भी वैसे के वैसे ही हो !!
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