ज़फ़ा हो या वफ़ा, पर आंसू हों !
वफ़ा में, कुछ तेरे हों !!
ज़फ़ा में, कुछ मेरे हों !!
हिजर हो या वस्सल हो, पर आंसू हों !
वस्सल पे, बस तेरे हों !!
हिजर पे, बस मेरे हों !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Friday, 13 June 2014 at 21:44
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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