मसलक तो बनाए ही गये थे सियासत के लिए,
यहाँ मोहब्बत भी होती है तो मतलब के लिए !
सूखे हुए पत्तों को करार मिलता है ज़मीन ही से मिल के,
ये बेमेल दोस्तियाँ होती ही हैं किसी मक़सद के लिए !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 15 June 2014 at 19:08
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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