बोझ

आंखें चीखती हैं के कोई रोक ले मुझे !
मगर ज़ुबान फिर भी एक प्यार भरी अलविदा कहने को नहीं हिचकिचाती,
और होंठ एक मुस्कुराहट का बोझ लाद देते हैं खुद ही पे !!

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