समंदर के किनारे नरम रेत पर,
सूखे पत्तों का बिछौना बना के,
कुछ देर लेट के,
सितारों को निहारते हुए,
खुद के दिल की धड़कनें सुनना !
खामोशी कभी कभी चुभ भी जाती है !!
सूखे पत्तों का बिछौना बना के,
कुछ देर लेट के,
सितारों को निहारते हुए,
खुद के दिल की धड़कनें सुनना !
खामोशी कभी कभी चुभ भी जाती है !!
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