काश के ज़िंदगी किताब के पन्नों सी होती
आँधी आती, पन्ने फड़फड़ाते और कहानी बदल जाती !
आँधी आती, पन्ने फड़फड़ाते और कहानी बदल जाती !
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 14 October 2012 at 13:31
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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