कितनी देर बारिश की राह देखी
ज़रा सी बारिश हो चुकी तो रुकने की आस लगा ली !
इंतज़ार और आस का पहिया हो
तुम कुछ गीली मिट्टी की खुश्बू जैसी हो !!
ज़रा सी बारिश हो चुकी तो रुकने की आस लगा ली !
इंतज़ार और आस का पहिया हो
तुम कुछ गीली मिट्टी की खुश्बू जैसी हो !!
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