बँधा हुआ

मुझे पता नहीं के खींच के तोड़ी गयी में,
गांठ बँध जाती है या नहीं !
अगर ऐसा हो पाता है तो,
यारा, उस पायल में गाँठ बाँध लेना !

बँधा हुआ अब ओर कुछ भी बचा नहीं है;
सिवाए साँसों और घड़ी की सुईओं के !!

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