पता नहीं क्यूं मुश्किल होता है लिखना,
उसे गले लगाने वाला पल !
और काग़ज़ भरे पड़े हैं,
उसके बाद और उसके पहेले वाली ज़िंदगी से !!
उसे गले लगाने वाला पल !
और काग़ज़ भरे पड़े हैं,
उसके बाद और उसके पहेले वाली ज़िंदगी से !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Saturday, 6 August 2016 at 22:17
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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