गोल लकीरें

कोई घिस्सी हुई कैसेट्ट जैसे अटक गई हो किसी सीन पर,
हर बार तुम जा रही होती हो, मैं ताकता रह गया होता हूं !
इतिहास की तरह मेरी लकीरें भी शायद गोल हैं !!

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