ये किताबों वाली मोहब्बत बड़ी बेमानी सी हो गई है,
किसी बेवा के हाथों की मेहंदी हो जैसे !
बस स्याही बन के सफेद पन्नों पर पुती हुई है,
कहने को चाँद, पर धब्बों वाली चाँदी हो जैसे !
किसी बेवा के हाथों की मेहंदी हो जैसे !
बस स्याही बन के सफेद पन्नों पर पुती हुई है,
कहने को चाँद, पर धब्बों वाली चाँदी हो जैसे !
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