इक दिन मुझमे से ही आवाज़ आई थी के मोहब्बत को मान लेना ही
मोहब्बत है | अब मैने ये भी महसूस किया है के किसी से भरोसा उठ जाने का
मतलब उस में से विश्वास उठ जाना नहीं होता |
इतना कहना काफ़ी होगा के मोहब्बत होती सरल है पर निभती बड़ी कठिन है |
इतना कहना काफ़ी होगा के मोहब्बत होती सरल है पर निभती बड़ी कठिन है |
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