तुम भी आना वहां जहां कुछ ओर ना होगा,
इक प्रेम की परिभाषा के सिवा !
हम रोज़ परिभाषाएं बदलते रहेंगे,
यारा, पर प्रेम अमर रहेगा !!
इक प्रेम की परिभाषा के सिवा !
हम रोज़ परिभाषाएं बदलते रहेंगे,
यारा, पर प्रेम अमर रहेगा !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday, 19 November 2014 at 22:46
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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