बददुआ

उसने बददुआ दे दी था, बिछड़ते वक़्त,
के तुम्हे ना मिलेगा चैन कहीं, कितना भी ढूंढना !
अपने एक दिन के आँसुओं के बदले !

अब मुझे जगी रातें फ़िकरे कसती हैं,
काश तुमने भी बददुआ दी होती उसे, दुआ की जगह !


बता यारा, घाटे का सौदा किसका रहा?

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