मुआमले

कभी ऐसा भी होगा जब हौड़ ना होगी खुद को छुपाने की,
तुम अपने सारे मुआमले निपटा लेना मुझसे तब,
और सब शिकवे भुलाते रहना !

अभी मुझे थोड़ी ओर मोहलत दे दो खुद को बचाने की,
फिर मैं बना रहूँगा नाचते हुए बंदर की तरह ,
तुम चाबी घूमाते रहना !!

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