आवारगी

कहीं खो गया हूं मैं,
तू ढूंड ले मुझे !
पहाड़ों से बर्फ पिघले,
तो आवारगी की आग बुझे !

मैं हीर तलाश में,
कोई रांझे की बांसुरी बना दे तुझे !
इक फटफटिया सी मिल जाए बस,
तो शिद्दत वाला कोई लफ्ज़ सुझे !

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