समय के हुकमरानों से चाहे पूछ लेना,
मेरे सब लफ्ज़ बेलम्हा !
ज़िंदगी उधेड़ते लम्हा लम्हा !!
मेरे सब लफ्ज़ बेलम्हा !
ज़िंदगी उधेड़ते लम्हा लम्हा !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Saturday, 23 January 2016 at 09:53
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
0 comments:
Post a Comment