सब इरादे एक कोरे काग़ज़ पे लिख के,
जला देना !
और राख को मुठ्ठी में भींच के रख लेना !
अपने ना होने का एहसास मिलता रहेगा लकीरों में !!
जला देना !
और राख को मुठ्ठी में भींच के रख लेना !
अपने ना होने का एहसास मिलता रहेगा लकीरों में !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Saturday, 23 January 2016 at 09:52
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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