चाहतों में राहतें नहीं होतीं !
इश्क़ की वजह नहीं होती !
ठिकानों के पते नहीं होते !
समंदरों की मझधार नहीं होती !
धड़कनों की तारीख नहीं होती,
मगर कलेंडर बदलते हैं दिलों के !!
इश्क़ की वजह नहीं होती !
ठिकानों के पते नहीं होते !
समंदरों की मझधार नहीं होती !
धड़कनों की तारीख नहीं होती,
मगर कलेंडर बदलते हैं दिलों के !!
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