बीच मझधार में तिनका मिले तो कस के पकड़ लेना,
और फिर लड़ लेना लहरों से !
किनारे अभी दूर हैं !!
और फिर लड़ लेना लहरों से !
किनारे अभी दूर हैं !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday, 3 February 2016 at 22:35
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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