शामिल

वो जो संदूकड़ी में बात पड़ी है अभी तलक,
उसे निकाल के खंगाल लेना अपने आँसुओं में,
और सुनहरी धूप में सूखा लेना !
उस भीग के सूखी हुई बात को,
फुलकारी बना ओढ़ लेना इस रात,
और कर लेना शामिल मुझे भी कहीं,
पार्ट 2 में !!

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