ज़िंदगी अक्सर रखती है हुकुम का इक्का अपने पास तुम्हारे जोकर का जवाब में...
इक ग़लत खेला जोकर चड़ा जाता है उम्र भर की बाज़ी...
इक ग़लत खेला जोकर चड़ा जाता है उम्र भर की बाज़ी...
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday, 3 February 2016 at 22:36
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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