संभल के चलिए हज़ूर !
आप फिस्सले तो हम संभाल लेंगे !
गर हम फिस्सले तो फिर संभल ना पाईएगा !!
आप फिस्सले तो हम संभाल लेंगे !
गर हम फिस्सले तो फिर संभल ना पाईएगा !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday, 13 February 2013 at 19:54
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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