माझी

(वो शख्स जिसका किनारा नहीं होता, जो नदी की तरह निरंतर है)

16 में से 16 आने आंसुओं का बोझ जब मेरे हिस्से दे दिया,
तो मैंने भी रोना सीख लिया !
के कश्ती ने जब लहरों के मुक़ाबिल होना छोड़ दिया,
तो माझी ने तैरना सीख लिया !

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