सब वही मेरा अपना,
कांधा, उसके आंसू, वही आहें !
बस दो चीज़ें पराई,
एक वो और एक बजाहें !
कांधा, उसके आंसू, वही आहें !
बस दो चीज़ें पराई,
एक वो और एक बजाहें !
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday, 14 January 2015 at 21:05
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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