ये जो लम्हे गुज़र जाएंगे,
तू समेट लिया कर ना !
अरे आशिक़ है तू,
आशिक़ी किया कर ना !!
तू समेट लिया कर ना !
अरे आशिक़ है तू,
आशिक़ी किया कर ना !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Wednesday, 7 January 2015 at 22:20
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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