ऩफा तो दोनों का ही ना हुआ उस सौदे में,
उसे कुछ ब्याज़ बच गया था, और मुझे कुछ असल !
अब लिख बैठे हैं कहानी अपने अपने अंदाज़ से,
उसे कोई गीत मिल गया, और मुझे कोई ग़ज़ल !!
उसे कुछ ब्याज़ बच गया था, और मुझे कुछ असल !
अब लिख बैठे हैं कहानी अपने अपने अंदाज़ से,
उसे कोई गीत मिल गया, और मुझे कोई ग़ज़ल !!
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