शब्दों की लकीरों के बीच जो खाली सफ़ेद जगह होती है,
मेरी कहानी वहां छुपी अनकही रह जाती है !
कभी जबान जवाब दे जाती है,
तो कभी कलम सवाल बन रह जाती है !
और ज़िन्दगी पलकों किनारे इंतज़ार बन बह जाती है !!
मेरी कहानी वहां छुपी अनकही रह जाती है !
कभी जबान जवाब दे जाती है,
तो कभी कलम सवाल बन रह जाती है !
और ज़िन्दगी पलकों किनारे इंतज़ार बन बह जाती है !!
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