होली के रंगो में कहीं छिप गया उसका तिन !
हिज़र का ले लो मज़ा,
ए दोस्त, बरसात के मौसम में अभी देर है !!
हिज़र का ले लो मज़ा,
ए दोस्त, बरसात के मौसम में अभी देर है !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Tuesday, 10 March 2015 at 07:15
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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