मौका

मेरी हंसी से फूटे चंद राज़ सुन जाना,
रुकी हुई घड़ीओं का अफ़साना मालूम होगा !
कभी छुपा के सब दर्द, थोड़ा मुस्कुरा भी जाना,
मेरे जीने का बहाना मालूम होगा !
कभी निगाहों से लड़ के कुछ आंसू पी भी जाना,
मेरे हाथ का पैमाना मालूम होगा !


और इक बार आ के मोहब्बत का मौका दे जाना,
अरे, ‘बेपनाह’ का मायना मालूम होगा !!

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