लहू टपकेगा तो खंजर भी तो भीगेगा !
और इक तुम हो, जो सूखे होंठों से अलविदा कह गये !
आओ, और इक बार फिर भोंक दो अपने होंठ मेरी पलकों में,
और ले जाओ कतल की निशानी !!
और इक तुम हो, जो सूखे होंठों से अलविदा कह गये !
आओ, और इक बार फिर भोंक दो अपने होंठ मेरी पलकों में,
और ले जाओ कतल की निशानी !!
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