वो कोरे काग़ज़ों पे लिखता था,
और सफेद चादरों से उलझता था !
वो सिलवटों में उसका लिखा पढ़ती है,
और स्याहीओं से सब सुलझाती है !!
और सफेद चादरों से उलझता था !
वो सिलवटों में उसका लिखा पढ़ती है,
और स्याहीओं से सब सुलझाती है !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 4 October 2015 at 20:31
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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