ये जो बाहर आतिशबाज़ी हो रही है,
या तो कोई चल बसा है या कोई ज़िंदगी सांस लेने लगी है !
मैने नहा धो के आज कपड़े सब नये पहने हैं,
मगर ज़िंदगी फिर पुराने धागों से ताना-बाना बुनने लगी है !
या तो कोई चल बसा है या कोई ज़िंदगी सांस लेने लगी है !
मैने नहा धो के आज कपड़े सब नये पहने हैं,
मगर ज़िंदगी फिर पुराने धागों से ताना-बाना बुनने लगी है !
1 comments:
3 October 2015 at 10:01
bahut achha likha hai aapne...
mere blog par bhi aaiye,
http://iwillrocknow.blogspot.in/
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