रोका तो कब ही था
एक बार पीछे मूड़ के देखा तो होता !
बे-उमीद रुखसती दे दी
वापिसी का एलान किया तो होता !!
एक बार पीछे मूड़ के देखा तो होता !
बे-उमीद रुखसती दे दी
वापिसी का एलान किया तो होता !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Sunday, 11 November 2012 at 19:32
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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