मजबूरी

अपनी नज़र से बांध लेना कुछ पल अगली बार,
आज कल होड़ में रहती हैं, कोई मशरूफियत दिखाने की !
नज़रें चुराना, नज़रें बचाना या नज़रें झुकाना,
बस परिभाषाएं हैं, कोई मजबूरी छिपाने की !!

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