मोहब्बत का पीपल जो उग आया था खंडहरों में,
उसपे एक कबूतरों के जोड़े ने अपना घर बनाया था !
अब शिकायत करूं तो किस से,
बेरहम सावन की बौछार से या कच्ची दीवार की ईंट से !
या मान लूं के इस मोहब्बत की बुनियाद ही कमज़ोर थी !!
उसपे एक कबूतरों के जोड़े ने अपना घर बनाया था !
अब शिकायत करूं तो किस से,
बेरहम सावन की बौछार से या कच्ची दीवार की ईंट से !
या मान लूं के इस मोहब्बत की बुनियाद ही कमज़ोर थी !!
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