मेरे होठों पे तेरे माथे की लकीरों की मोहर सी...
हस्ताक्षर तेरी उंगलीओं के...
ज़िंदगी गिरवी स्टेंप पेपर पे तेरे नाम !
हस्ताक्षर तेरी उंगलीओं के...
ज़िंदगी गिरवी स्टेंप पेपर पे तेरे नाम !
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Saturday, 5 December 2015 at 10:46
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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