समंदर को ताकते रहने से मिलती हैं सिर्फ़ तन्हाई,
ज़िंदगी चाहिए तो समंदर की तरफ पीठ रखना !
समंदर की तहों में रहते हैं सीप, निशानियाँ नहीं !!
ज़िंदगी चाहिए तो समंदर की तरफ पीठ रखना !
समंदर की तहों में रहते हैं सीप, निशानियाँ नहीं !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Thursday, 10 December 2015 at 23:02
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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