तुमसे नज़रें चुराती हूं,
ये सोच, के थोड़ा दर्द कम कर लूं !
थोड़ा सा तो इंतज़ार ओर कर ए ज़िंदगी,
मैं थोड़ी खुशी का इंतज़ाम कर लूं !!
ये सोच, के थोड़ा दर्द कम कर लूं !
थोड़ा सा तो इंतज़ार ओर कर ए ज़िंदगी,
मैं थोड़ी खुशी का इंतज़ाम कर लूं !!
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Friday, 13 February 2015 at 06:59
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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