अभी शामों का कारवां बाकी है काफ़ी...
मेरी ज़िंदगी में गमों का सिलसिला बाकी है काफ़ी...
के सांसें चलती रहें...
मेरी ज़िंदगी में गमों का सिलसिला बाकी है काफ़ी...
के सांसें चलती रहें...
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Monday, 23 February 2015 at 21:00
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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