क़ैद

हज़ूम की जात नहीं होती,
बस मनसूबे होते हैं !
शख्स की पहचान नहीं होती,
बस ख्वाब होते हैं !

रेहाई की तलाश में सब, अपनी ही क़ैद से !!

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