कमी

मैं था के नहीं तुम्हारे साथ,
जब तुम्हें सहारों की ज़रूरत थी !
मैं शामिल था या अलहदा,
जब तुम्हें महफ़िलों की कमी थी !

तेरा उंस और मेरी उलफत, दूरियां कम और नज़दीकियां ओर भी कम !!

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