पैबंद

वो बोतल में बंद बूंद सा था,
तो जैसे पगली लड़की ने सीने पे दरिया बना लिया हो !
अपनी अमीरी में उसकी ग़रीबी को जगह दे दी,
जैसे किसी ने मखमल पे सूत का पैबंद लगा दिया हो !!

0 comments: