कल्पना भर है,
के कोई हाथ हो जो जाती हुई कलाई को थाम ले !
यथार्थ बस इतना,
के हाथों की लकीरें रोक लेती हैं हर अनहोनी को !!
के कोई हाथ हो जो जाती हुई कलाई को थाम ले !
यथार्थ बस इतना,
के हाथों की लकीरें रोक लेती हैं हर अनहोनी को !!
the pursuit of reason... the fight with self...
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