ज़हीन सी ज़िंदगी में पिरो लिए कितने आंसू,
और पूछती हो ज़िंदगी क्यों आसान नहीं !
जाना, मगर, आसान तो सिर्फ़ मुस्कुराना होता है,
ज़िंदगियाँ बीत जाती हैं उसका सीप ढूंढने में !!
और पूछती हो ज़िंदगी क्यों आसान नहीं !
जाना, मगर, आसान तो सिर्फ़ मुस्कुराना होता है,
ज़िंदगियाँ बीत जाती हैं उसका सीप ढूंढने में !!
0 comments:
Post a Comment