सीप

ज़हीन सी ज़िंदगी में पिरो लिए कितने आंसू,
और पूछती हो ज़िंदगी क्यों आसान नहीं !
जाना, मगर, आसान तो सिर्फ़ मुस्कुराना होता है,
ज़िंदगियाँ बीत जाती हैं उसका सीप ढूंढने में !!

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