जानती हो जब बच्चे थे,
और गेंद सड़क के बीच चली जाती थी,
आस लगाते थे कोई मदद करेगा !
अब मुठियां भीच के,
कनखिओं से देखते डरा करते हैं,
कौन पहल करेगा !!
और गेंद सड़क के बीच चली जाती थी,
आस लगाते थे कोई मदद करेगा !
अब मुठियां भीच के,
कनखिओं से देखते डरा करते हैं,
कौन पहल करेगा !!
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