मुझे लगता है उदासी और मोहब्बत बराबर बंटी है दुनिया में,
कहीं मोहब्बत तो कहीं उतनी ही उदासी,
और कहीं दोनो एक साथ...
|| भंवर ||
ये भी खुदा ने खूब की,
पानी में डूबतों को तिनका,
और मोहब्बत में डूबतों को क़लम दे गया !
खुशनसीब तो लग गया किनारे,
और मुझे काग़ज़ों के भंवर दे गया !!
कहीं मोहब्बत तो कहीं उतनी ही उदासी,
और कहीं दोनो एक साथ...
|| भंवर ||
ये भी खुदा ने खूब की,
पानी में डूबतों को तिनका,
और मोहब्बत में डूबतों को क़लम दे गया !
खुशनसीब तो लग गया किनारे,
और मुझे काग़ज़ों के भंवर दे गया !!
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