ग़लत होगा गर मैं कहूं के इंतज़ार नहीं किया कभी,
मगर असल मुद्दा है के सालों गुज़र गये, मगर किसी ने अलविदा नहीं कही !
मगर असल मुद्दा है के सालों गुज़र गये, मगर किसी ने अलविदा नहीं कही !
the pursuit of reason... the fight with self...
Posted by Sukesh Kumar Thursday, 18 June 2015 at 07:47
Labels: मेरा जीवन-मेरी कविता (My Life-My Verse)
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