कतरा कतरा

यारा सोचो कैसे कोई काग़ज़ों पे स्याह दाग लगा के
धोता है सीने पे लगे दाग !
सावन में कभी निचोड़ना सब काग़ज़,
ज़िंदगी कतरा कतरा बन टपकेगी !!

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